a3d2d0592ac7a7e0130829fae4c178ef original
Life Style

पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से शुभ मौनी अमावस्या का दिन, गंगातट पर स्नान की महिमा


Mauni Amavasya 2022 : माघ मास की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं. आने वाली 1 फरवरी 2022 को है. इस पवित्र तिथि पर मौन रहकर अथवा मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान-दान करने का विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या के दिन सोमवार का योग होने से उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस दिन संगम अथवा गंगातट पर स्नान दान की अपार महिमा है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र संगम पर देवताओं का वास होता है. पितरों को प्रसन्न के लिए अमावस्या के दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. इसलिए उनके नाम पर इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. 

मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. कहा जाता है कि मौन रहकर भगवत भजन करने से और पितरों को अर्घ्य देने से जितना पुण्य मिलता है उतना मुख से जाप करने से नहीं मिलता. चलिए आज आपको विस्तार रूप से बताते हैं साल 2022 की मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में –

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त – 

अमावस्या तिथि शुरू – 31 जनवरी 2022, दोपहर 2:15
अमावस्या तिथि समाप्त – 1 फरवरी 2022, सुबह 11ः16

कैसे करें मौनी अमावस्या के दिन पूजा-अर्चना –
मौनी अमावस्या को नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नान करके तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. 
इस दिन साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों के सेवन के लिये अग्नि प्रज्वलित करना चाहिए तथा उन्हें कंबल आदि जाड़े के वस्त्र देने चाहिए –

तैलमामलकाच्शैव तीर्थे देयास्तु नित्यशः।
ततः प्रज्वालयेद्वहिं सेवनार्थे द्विजन्मनाम्।।
कम्बलाजिनरत्नानि वासांसि विविधानि च।
चोलकानि च देयानि प्रच्छादनपटास्तथा।।

इस दिन गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए तथा उसे वस्त्र में बांधकर ब्राह्मणों को देना चाहिए. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए. स्नान-दानादि पुण्यकर्मों के अतिरिक्त इस दिन पितृ-श्रद्धादि करने का भी विधान है. इस दिन पितरों को अर्घ्य और उनके नाम से दान करने से मौनी अमावस्या को यदि रविवार, व्यतीपातयोग  और श्रवण नक्षत्र हो तो अर्धोदय योग होता है. इस योग में सभी स्थानों का जल गंगातुल्य हो जाता है और सभी ब्राह्मण ब्रह्मसंनिभ शुद्धात्मा हो जाते हैं. अतः इस योग में यत्किञ्चित् किये हुए स्नान-दानादि का फल भी मेरु समान हो जाता है.

शुक्र ग्रह 29 जनवरी 2022 को हो रहे हैं डायरेक्ट, जानिए किस राशि के लिए होंगे शुभ और किसे रहना होगा अलर्ट

तुला राशि वाले विद्यार्थियों को, उच्च शिक्षा के लिए निकलना होगा कंफर्ट जोन से बाहर, शिक्षा के क्षेत्र में कैसे मिलेगी सफलता



Source link

Share your feedback here