vigyan ke chamatkar
Make Money Online

विज्ञान के चमत्कार पर निबंध- लाभ- हानि (Vigyan ke chamatkar Essay in Hindi) – Deepawali




विज्ञान के चमत्कार या विज्ञान वरदान हैं या अभिशाप पर निबंध, लेख महत्व, लाभ हानि, विज्ञानं के बढ़ते चरण, स्लोगन, कविता (Vigyan ke chamatkar or Wonder Of Science  in hindi) [Nibandh, Labh, Hani]

विज्ञान के चमत्कार पर निबंध

अगर कहा जाये आज का युग, विज्ञान का युग है, तो गलत नहीं होगा. हम विज्ञान व टेक्नोलॉजी के युग में रहते है. विज्ञान ने मनुष्यों को बहुत आराम दिया है, इससे हमारी ज़िन्दगी बहुत आसान हो गई है. विज्ञान की ही बदौलत हमने ऐसें ऐसें चमत्कार देखें है, जिसके बारे में पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.

विज्ञान क्या है (vigyan kya hai ) 

विज्ञान के चमत्कार को हम अपने आसपास हर रोज हर वक्त देखते है. हम अपनी मॉडर्न लाइफ की कल्पना बिना विज्ञान के सोच भी नहीं सकते. विज्ञान ने दुनिया के हर क्षेत्र में काम किया है. विज्ञान के गिफ्ट को हर समय अपने साथ लिए घूमते है.

  • सुबह उठते ही, समाचार पत्र के द्वारा हमें देश विदेश की ख़बरें मिलती है, ये विज्ञान की ही देन है.
  • विज्ञान ने हमें टीवी, फ्रिज, पंखा, एसी, माइक्रोवेव, गैस जैसे उपकरण दिये, इनके बिना तो जैसे अब कोई इन्सान जी ही नहीं सकता.
  • विज्ञान के द्वारा ही हम अब एक स्थान से दुसरे स्थान जल्द से जल्द पहुँच जाते है.
  • विज्ञान के कारण ही बड़ी से बड़ी बीमारियों से इन्सान ने जीत हासिल कर ली है.

विज्ञान ने देश में व्याप्त अन्धविश्वास को ख़त्म किया है. आज मनुष्य सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करता, बल्कि आँखों देखी बातों को मानता है. विज्ञान के द्वारा हम किसी भी चीज का उपरी अध्यन नहीं करते, बल्कि उसकी तह तक पहुँचने का प्रयास करते है.

विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के बढ़ते चरण

विज्ञान से दुनिया की कोई चीज अछूती नहीं है. चिकित्सा, मनोरंजन, यातायात, अंतरीक्ष, दैनिक वस्तु हर जगह विज्ञान ने चमत्कार किये है.

चिकित्सा के क्षेत्र में –

विज्ञान ने मानव कष्ट को कम कर दिया है. विज्ञान ने अंधे को आँखें दी, बहरे को कान, लूले को हाथ-पैर दिए. विज्ञान ने स्वास्थ्य व जीवन को नयी दिशा दी है. हार्ट ट्रांसप्लांट, किडनी बदलाव, एक्सरे, वेंटीलेटर विज्ञान के चिकित्सा को दिया जीवनदान जैसे है. विज्ञान ने ऐंसे ऐंसे दवाइयों का अविष्कार किया है, जिससे छोटी बड़ी सभी बीमारियाँ चन्द पलों में ठीक होती है.

यातायात –

विज्ञान ने अदभुत मशीने बनाई है, जिससे हम इन्सान एक रॉयल लाइफ का अनुभव करते है. ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में विज्ञान कहाँ से कहाँ पहुँच गया है. विज्ञान ने दूरियों को कम कर दिया है. विज्ञान ने एक से बढकर एक कार, बस, दूसरी गाड़ियों को बनाया है. मनुष्य की हर जरूरत के हिसाब से गाड़ियाँ बनाई जा रही है. हजारों किलोमीटर की दूरी हम कुछ घंटों में तय कर लेते है. हवाई जहाज के द्वारा हम लोग सुबह का नाश्ता भारत में, दिन का खाना दुबई में तो रात का खाना किसी दुसरे देश में कर सकते है. आज एक से एक बाइक, स्कूटर मार्किट में आ चुकीं है.

इलेक्ट्रिसिटी –

आधुनिक विज्ञान का पहला अविष्कार बिजली को माना जाता है. इसने हमारी दुनिया में रोशनी ही रोशनी बिखेर दी. विज्ञान ने अंधकार का हाथ छुड़ा कर हमें उजयाले की ओर ले गया. टीवी, प्लेयर,रेडियो, पंखा, कूलर हर चीज बिजली के सहारे चलती है. आजकल तो ढेर सारे किचन एप्लायंस भी आ गए है, जिससे महिलाएं आसानी व कम समय में अपने काम ख़त्म कर लेती है.

संचार –

फोन, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, इन्टरनेट को जैसे किसी तोहफे के समान है. विज्ञान ने पहले फ़ोन बनाया, तार से जुड़े ये फोन एक घर को दुसरे से जोड़ता था. अब मोबाइल का ज़माना है, जिससे एक इन्सान दूसरे से जुड़ गया है. मोबाइल बिना तार का यंत्र हमारे साथ कहीं भी जा सकता है. बिजली से चलने वाले ये यंत्र हमें दुनिया के किसी भी कोने से जोड़ सकते है. इन्टरनेट के द्वारा हम कहीं भी बैठकर किसी से भी उसे देखकर बात कर सकते है.

मनोरंजन –

विज्ञान ने टीवी, विडियो गेम, प्ले स्टेशन का निर्माण किया. टीवी के बिना अब किसी घर को घर नहीं कहा जाता, जैसे ये हमारे परिवार का हिस्सा बन गया है. टीवी हमारे मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन है, इससे देश, विदेश की ख़बरें, फ़िल्में, गाने सब देखे सुने जा सकते है. टीवी के द्वारा हम लाइव कार्यक्रम का भी आनंद उठा सकते है, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम हों या इंडिया पाकिस्तान का क्रिकेट मैच, घर बैठे हम ऐसे सभी कार्यक्रम का लुप्त उठा सकते है.

शिक्षा के क्षेत्र में –

विज्ञान ने शिक्षा को भी नयी दिशा दी है. प्रिंटिंग मीडिया अब इतनी आसान हो गई है, इससे एक बार में हज़ार पन्ने छपने लगे, जिससे पुस्तक किताब हमें आसानी से कम कीमत में मिल जाती है. स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर का ज्ञान विज्ञान की ही देन हैं|

व्यापार व कृषि –

विज्ञान ने कृषि व व्यापार को आज कहाँ से कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है. विज्ञान ने तरह तरह की मशीने बनाई, जिससे बड़े बड़े उद्योग, इस्पात का निर्माण हो पाया. हमारे उपयोग की हर चीज के बड़े बड़े हजारों कारखाने है, जिससे हमें ये आसानी से मिल जाते है. विज्ञान ने आधुनिक कृषि का निर्माण किया. नई-नई खादें, उपकरण का उपयोग करके कृषि आसान हो गई है. हाईटेक के ज़माने में किसान को बहुत सी सुविधा मुहैया कराई जा रही है.

न्यूक्लियर बम, अस्त्र-शस्त्र –

न्यूक्लियर एनर्जी विज्ञान का एक और अदभूत चमत्कार है. एटम व हाइड्रोजन बोम को न्यूक्लियर एनर्जी द्वारा ही बनाया गया है. अपने देश के लिए नए नए तरीके के हथियार विज्ञान की मदद से ही इजात हो पाए है.

अंतरिक्ष –

विज्ञान की मदद से आज मनुष्य पुरे अंतरीक्ष तक पहुँच गया है. अन्तरिक्षयान के द्वारा मनुष्य चंद्रमा में अपना घर बसाने का सपना भी देखने लगा है. विज्ञान की मदद से मनुष्य ने नए गृह भी बनाये, जिसे सफलतापूर्वक आज अन्तरिक्ष में स्थापित भी किया जा चूका है. इन्हीं की मदद से हम मौसम का हाल भी जान लेते है, यहाँ तक की आने वाली प्राकतिक आपदा के बारे में भी ये बहुत हद तक संकेत दे देते है.

विज्ञान के लाभ (Vigyan ke labh or science benefits )

विज्ञान ने मनुष्य को जीने का नया ढंग दे दिया है. इससे अनगिनत लाभ है. कोई भी इन्सान हो, लेकिन बिना विज्ञान के प्रयोग के वो अपने जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता. हम हर पल हर वक़्त विज्ञान को अपने आसपास महसूस करते है.

विज्ञान एक अभिशाप/हानियाँ

जहाँ लाभ वहां हानि तो होती है. विज्ञान कुछ क्षेत्र में एक अभिशाप साबित हुआ है. इसने इन्सान को आलसी बना दिया है. अब हम बिना हाथ पैर हिलाए मशीन से काम लेना पसंद करते है, जैसे हम अपंग हों. विज्ञान ने रोबोट तक का निर्माण कर लिया है, जो इन्सान की तरह दिखने वाली मशीन है, तो अपनी हर कमांड पर जो चाहो, वो करेगी. इन्सान विज्ञान पर इतना ज्यादा निर्भर हो गया है कि वो इसके बिना चलना ही पसंद नहीं करता है.

  • विज्ञान ने परमाणु बम, बड़ी बड़ी तोपें, रायफल, विषेली गैस, हथियार बनाये है, जो मानव हित के लिए नहीं, बल्कि अहित के लिए कार्य करते है. परमाणु बम ने ही जापान के हिरोशिमा, नागासाकी को बर्बाद कर दिया था, जिसका मुआवजा आज तक भुगतान पड़ रहा है. आज भी वहां इसका असर देखा जा सकता है. भोपाल गैस त्रासदी भी विज्ञान में हुई गलती का नतीजा है, जिसके चलते विषेली गैस ने लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
  • हाई स्पीड गाड़ियाँ बनाई, जिस पर मानव अपना आपा खोकर, तेजी से चलाता है, और बड़े बड़े एक्सीडेंट होते है.
  • हवाईजहाज के द्वारा हम देश विदेश तो घूम लेते है, लेकिन जरा सी तकनिकी खराबी के चलते ये कई बार सैकड़ों लोगों को स्वर्ग पहुंचा देता है.
  • मोबाइल, इन्टरनेट ने बाहरी दुनिया से तो जोड़ा है, लेकिन घर में लोगों के बीच दूरियां ला रहा है. बच्चे बड़े सब मोबाइल की दुनिया में रहना पसंद करते है. बाहर जाकर खेलने की बजाय बच्चों को मोबाइल लैपटॉप खेलना ज्यादा भाता है.
  • विज्ञान ने हमारे चारों ओर पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है. बड़े बड़े कारखानों उद्योग से धुंआ निकलकर वायु में मिलता है, जिससे प्रदुषण की समस्या और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन्न होती है. इसके अलावा ध्वनि प्रदुषण, जल प्रदुषण, थल प्रदुषण भी बहुत अधिक हो रहा है.
  • विज्ञान के द्वारा बनाई चीजों के प्रयोग से इन्सान अंदर से कमजोर हो रहा है, आजकल कम उम्र में हार्टअटैक, कैंसर आम बात सी हो गई है.

क्या आज हम विज्ञान के बिना रह सकते हैं ?

एक सवाल आप खुदसे करके देखिये, क्या आज हम बिना विज्ञान के रह सकते हैं? जवाब ‘नही’ होगा. यह सत्य भी है, क्योंकि आज विज्ञान की वजह से हमारा जीवन बहुत आसान हो गया है और आज हम विज्ञान से घिरे हुए है. हम चाहकर भी विज्ञान से दूर नही जा सकते हैं. अगर कोशिश करेंगे भी तो विज्ञान हमारा पीछा नहीं छोड़ेगा. पर हम जानते है की विज्ञान ही एक दिन पूरी दुनिया के खत्म होने का कारण बनेगा लेकिन इसका उपयोग हमारे उपर डिपेंड करता है इसलिए जितना हो सके विज्ञान को सही तरीके से उपयोग करें और किसी को हानि पहुँचाने वाले अविष्कार ना ही करें तो अच्छा है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध एवं क्यूँ और कब मनाया जाता हैं भारत में विज्ञान दिवस जरुर पढ़े सम्पूर्ण जानकारी

उपसंहार

विज्ञान का रचियता इन्सान है, और इसका दुरपयोग करने वाला भी वही है. इन्सान के हाथों में ही है कि वो इसे कैसे उपयोग करे जिससे मानव जाति का कल्याण हो. हमको विज्ञान पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि विज्ञान को इन्सान पर निर्भर होना चाहिए. विज्ञान मानव के बिना अपंग है. विज्ञान का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि जैसे दुनिया आग पर बैठी है, कब राख का ढेर बन जाये, पता ही ना चले.

अन्य पढ़े:



Source link

Share your feedback here