df95e576c501057935817395152d4078 original
Life Style

एक बंगला बने न्यारा, जब वास्तु से जुड़ी इन बातों का रखेंगे ध्यान, ऐसी जमीन नहीं होती हैं शुभ

[ad_1]

Vastu Tips for Home : वास्तु शास्त्र का जीवन में बहुत महत्व है. वास्तु शास्त्र का महत्व आज से नहीं पुरातन समय से ही कायम है. जिन ऐतिहासिक इमारतों को आज देखते हैं उनमें कहीं न कहीं वास्तु के नियमों का पालन किया गया है. मान्यता के अनुसार घर निर्माण में वास्तु नियमों का पालन करने से सुख समृद्धि आती है. 

वास्तु शास्त्र को प्राकृतिक ऊर्जा का प्रयोग कैसा किया जा सकता है. इस बारे में बताता है. जब भी घर, ऑफिस आदि के लिए भूमि का चयन करें तो उसे वास्तु शास्त्र की कसौटी पर अवश्यक परखें. किसी भी तरह की भूमि लें, लेकिन उससे पहले भूमि का चयन वास्तु शास्त्र के नियमों के तहत करना उत्तम माना गया है. 

दिशाओं पर दें ध्यान
वास्तु शास्त्र के अंर्तगत दस दिशाएं होती हैं. इनमें आकाश-पाताल को छोड़कर आठ शेष रहती हैं. सूर्योदय की दिशा उत्तर-पूर्व को ईशान कोण कहा जाता है. यह देव पूजा की दिशा है. भूमि का मुख्यद्वार उत्तर से पूर्व तक की दिशा में होना श्रेष्ठ माना जाता है. यह प्लॉट की चौड़ाई उक्त दिशा में अधिक हो तो भूमि शुभदायि है. उत्तर-पूर्व का भाग थोड़ा निचला हो तो हितकर है. इसके विपरीत की दिशा दक्षिण-पश्चिम औसत उठा हुआ होना अच्छा माना गया है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि के आगे विशाल निर्माण नहीं होना चाहिए. उसकी छाया भूमि पर पड़ना शुभ नहीं माना गया है. बड़े वृक्ष भी मुख्यद्वार पर नहीं होने चाहिए. भारी निर्माण और वृक्षों के लिए दक्षिण दिशा का प्रयोग करें. संभव हो तो पेड़ घर भूमि की सीमा से बाहर रखें. 

श्रेष्ठ भूमि का ऐसे लगाएं पता
वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस भूमि को निर्माण के लिए लेना चाह रहे हैं उस भूमि में एक गड्ढा खोदकर पानी भर कर छोड़ दें. अगले दिन जाकर देखें पानी पूरी तरह सूख जाए तो ऐसे भू क्षेत्र को प्रयोग में न लाएं. पानी शेष रहे अथवा आधे अधिक दिखाई दे तो भूमि को श्रेष्ठ समझें.

दलदली भूमि न हो
वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस भूमि पर घर बनाने जा रहे हैं उसके कोने कटे हुए न हों. विशेषतः उत्तर और पूर्व दिशाओं के कौने कटे हुए या संकरे न हों. इसके विपरीत दिशा के कौने कटे होने पर स्वीकार्य हो सकते हैं. घर के आसपास दलदली भूमि न हो. सामने पहाड़ पहाड़ी न हो. दक्षिण और पश्चिम दिशा में पहाड़ होना ठीक माना जाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

यह भी पढ़ें:
Astrology : इस राशि की लड़कियों का दिमाग पढ़ पाना होता है बहुत ही मुश्किल, अपनी ही धुन में रहती हैं मगन

Chanakya Niti: मनुष्य को कभी नहीं करने चाहिए ये काम, जीवन में मिलता है कष्ट

[ad_2]

Source link

Share your feedback here