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उन्होंने एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स को इस फोन टेक्स्ट स्कैम पर नजर रखने की चेतावनी दी है। स्कैमर्स एक साइट पर यूआरएल के साथ टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं और यूजर्स से एंड्रॉइड के लिए एक नकली DHL ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। अगर आपने इसे इंस्टॉल किया है तो मालवेयर ऐप आपकी अहम जानकारी चुरा सकती है। ये ऐप्स एंड्रॉइड यूजर्स की फेक लॉगइन फॉर्म को भराकर यूजर्स की बैंकिग डिटेल्स चुरा सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मोबाइल यूजर्स को पहले नकली DHL मैसेजेज के बारे में चेतावनी दी गई है। यहां पर विक्टिम्स को कहा जाता है कि उनकी एक अहम डिलीवरी रह गई है जो उनके पास आ रही थी और उन्हें इस फेक लिंक के जरिए इस मामले क्लियर करना होगा। ऐसे में फोन यूजर्स को पता होना चाहिए कि यह उनके फोन पर मालवेयर डाउनलोड करने के लिए हैकर्स का एक तरीका है।
पिछले साल फ्लूबॉट मैलवेयर कैंपेन के तहत एक फेक डीएचएल हैकिंग की पहली रिपोर्ट सामने आई थी। हालांकि, एंड्रॉइड यूजर्स के लेटेस्ट खतरा मेडुसा या टैंगलबॉट मैलवेयर से है। मेडुसा मैलवेयर फ्लूबॉट के जैसा है और डिस्ट्रीब्यूशन मेथड से प्रभावित है। न केवल नकली डीएचएल मैसेज बल्कि थ्रेटफैब्रिक के रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि अमेजन और एडॉब यूजर्स को भी एसएमएस टेक्स्ट द्वारा टंगलबॉट मैलवेयर से प्रभावित एक फेक और खतरनाक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है।
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर्स ने एक बोटनेट में 1500 से ज्यादा प्रभावित डिवाइसेज में मेडुसा का पता लगाया है, जो एक महीने से भी कम समय में डीएचएल के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस पोर्टल ने धोखाधड़ी और साइबर क्राइम को सॉल्व करने वाले विशेषज्ञों के हवाले से कहा है, “कृपया ध्यान दें कि मेडुसा में हर कैपेन के लिए कई बॉटनेट हैं, जैसे डीएचएल या फ्लैश प्लेयर, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इनके नंबर्स बहुत ज्यादा होंगे।
मेडुसा मैलवेयर से खुद को कैसे बचाएं?
इसे लेकर यह सलाह दी जाती है कि अननोन सोर्सेज या थर्ड पा्रटी ऐप्स से ऐप डाउनलोड न करें। जब तक कि आप पूरी तरह से वेरिफाई नहीं कर लेते तो कि वो नकली है या असली आप इस तरह के लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें।
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