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Y Combinator के नेतृत्व में इन दोनों के स्टार्टअप को 100 मिलियन डॉलर (750 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिल गई. इससे भी शानदार बात यह हुई है कि महज 5 महीने में जेप्टो की वैल्यूशन दोगुनी हो गई है. इस समय इस स्टार्टअप की वैल्यूएशन 570 मिलियन तक पहुंच गई है.
तेजी से बढ़ा वैल्यूएशन
जेप्टो ने एक महीने पहले बताया था कि उसने ताजा फंडिंग राउंड (Funding Round) में 60 मिलियन डॉलर और जुटाए हैं. इस फंडिंग राउंड में जेप्टो की वैल्यूएशन 225 मिलियन डॉलर के बीच आंकी गई थी. स्टार्टअप ने एक बयान में कहा है कि वाई कॉम्बिनेटर Continuity Fund के अलावा, नए राउंड में ग्लेड ब्रुक कैपिटल पार्टनर्स, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, ब्रेयर कैपिटल और सिलिकॉन वैली निवेशक लैची ग्रूम जैसे नए और मौजूदा बैंकर्स से भी निवेश प्राप्त हुआ.
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तेजी से बढ़ रहा जेप्टो
Zepto 10 मिनट में किराना और दैनिक आवश्यक सामान पहुंचाने का वादा करता है. इसी साल की शुरुआत में मुंबई में इन दोनों किशोरों ने इस स्टार्टअप को शुरू किया. तब से यह बेंगलुरु, दिल्ली और चार अन्य शहरों में फैल गया है.
भारत में ऑनलाइन किराने का डिलीवरी बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. भारत में यह एक लाख करोड़ डॉलर से बड़ा बाजार है जिसमें खुदरा खर्च का बड़ा हिस्सा है. Zepto का मुकाबला सॉफ्टबैंक ग्रुप (SoftBank Group Corp) समर्थित ब्लिंकिट, Google-समर्थित डुंजो (Dunzo) और नैस्पर्स लिमिटेड-समर्थित स्विगी जैसे स्टार्टअप्स के साथ है.
पलीचा और वोहरा ने पिछले साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित कंप्यूटर साइंस (Computer Science) इंजीनियरिंग प्रोग्राम में एडमिशन लिया था. हालांकि दोनों ही अपना बिजनेस शुरू करने का मन बनाए हुए थे. इसी कारण उन्होंने साल भर में ही पढ़ाई छोड़ दी और ग्रॉसरी डिलीवरी के क्षेत्र में उतरने का निर्णय लिया.
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