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February 2022 Panchak Dates : साल 2022 का दूसरा पंचक लग चुका है. फरवरी माह में लगने वाला पंचक महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस पंचक के बारे में आइए जानते हैं.
ऐसे लगता है ‘पंचक’
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में होता है तो पंचक लगता है. वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है. पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार 2 फरवरी को चंद्रमा कुंभ राशि में विराजमान हैं.
कुंभ राशि में बन रहा है गजकेसरी योग
ज्योतिष शास्त्र में जिन शुभ योग के बारे में बताया गया है, उनमे से एक गजकेसरी योग भी है. इस योग को अत्यंत शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है. ये गुरु और चंद्रमा की युति से बनता है. 2 फरवरी को कुंभ राशि में गुरु और चंद्रमा की युति बनी हुई है.
पंचक 2022 (Panchak 2022)
पंचांग के अनुसार पंचक 2 फरवरी 2022, बुधवार से लग चुका है. इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इसी दिन से माघ मास के शुक्ल पक्ष का आरंभ हो रहा है. पंचक का समापन 6 फरवरी 2022, रविवार के दिन होगा.
- पंचक आरम्भ- 2 फरवरी 2022, बुधवार को प्रात: 06 बजकर 45 मिनट से.
- पंचक का समापन- 6 फरवरी 2022, रविवार को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर.
पंचक का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन जब बुधवार और गुरुवार से पंचक लगते हैं तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
पंचक में इन 5 कार्यों को नहीं करना चाहिए
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार पंचक में 5 प्रकार के कार्यों को वर्जित माना गया है, जिस इस श्लोक के माध्यम से बताया गया है-
‘अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।
यानि पंचक के दौरान लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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