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Business Idea: अब आप Gold हॉलमार्किंग सेंटर खोलकर हर महीने कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानें कैसे करें आवेदन


नई दिल्ली. देश में हॉलमार्क (Hallmark) के बगैर गोल्ड ज्वेलरी (Gold Jewellery) बेचने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है. गोल्ड ज्वेलरी रखने वालों पर एक दिसबंर 2021 से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की कड़ी नजर है. अब बिना हालमार्क वाली ज्वेलरी बेचते जो भी व्यापारी पाया जाएगा, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होना तय है. ऐसे में जिन जिलों में या प्रखंडों में हॉलमार्किंग सेंटर्स अभी तक नहीं खुले हैं, वहां पर हॉलमार्किंग सेंटर्स खोले जाने की शुरुआत हो गई है.

फिलहाल, देश के 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग (Assaying & Hallmarking) केन्द्र काम कर रहे हैं. मोदी सरकार देश के हर जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर्स खोलने का खाका तैयार किया है. उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय का दावा है कि सरकार अगले कुछ सालों में देश के हर ब्लॉक में हॉलमार्किंग सेंटर खोलेगी. इससे ज्वेलर्स को अब BIS में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके साथ ही जो भी व्यक्ति हॉलमार्किंग सेंटर खोलने के इच्छुक होंगे वे www.manakonline.in पर जा कर अप्लाई कर सकते हैं.

देश के हर ब्लॉक में खुलेंगे हॉलमार्किंग केंद्र
पिछले साल ही मंत्रालय ने ज्वेलर्स और शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration) के लिए एक नया मॉड्यूल लॉन्च किया था. इसके जरिए ज्वेलरों के पंजीकरण और पंजीकरण के नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की गई थी. इसी के साथ सोने के जेवरातों की एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता और मान्यता के नवीनीकरण लिए भी ऑनलाइन प्रणाली लांच की गई. अब आभूषण कारोबारी ऑनलाइन ही पंजीकरण करवा सकते हैं.

पिछले साल ही मंत्रालय ने ज्वेलर्स और शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक नया मॉड्यूल लॉन्च किया था.

मंत्रालय का यह है दावा
मंत्रालय ने दावा किया था कि ऑनलाइन मॉड्यूल्स से ज्वेलर्स और उन उद्यमियों के लिए व्यापार करना सुगम होगा, जिन्होंने हॉलमार्किंग और एसेयिंग केन्द्रों की स्थापना की है या जो इनकी स्थापना करना चाहते हैं. हॉलमार्क की जाने वाली सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या में भी बड़ा उछाल आएगा. अनुमानित है कि यह संख्या 5 करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है. इसके लिए एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी की आवश्यकता होगी. वर्तमान में देश के 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्र हैं.

आवेदन ऐसे करें
सोने की ज्वेलरी और शिल्पवस्तुओं की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के कारण पंजीकरण करवाने के लिए आगे आने वाले ज्वेलरों की संख्या 5 लाख तक जाने की आशा है. ऑनलाइन प्रणाली से ज्वैलरी की हॉलमार्किंग में गड़बड़ी की शिकायतों का शीघ्र निपटान करना सहज होगा. बीआईएस एसेयिंग और हॉलमार्किंग केंद्रों के कार्यप्रवाह के स्वचालन के मोड्यूल पर भी काम कर रहा है.

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देश के 256 शहरों में अब बिना हॉलमार्क के गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर कार्रवाई शुरू हो गई है.

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बता दें कि देश में सोने के आभूषण और संबंधित वस्तुओं पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, भारत भर के ज्वैलर्स को अब केवल 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के सामान बेचने की अनुमति होगी. केंद्र सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में हॉलमार्किंग केंद्रों में 25% की वृद्धि हुई है.

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