शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी के बाद से चातुर्मास लग जाता है। जिसमें चार महीने तक कोई शुभ मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इस व्रत कथा को पढ़ने और नियम अनुसार बताए गए उपायों को करने से आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य, सौभाग्य, पाप मुक्ति जैसी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है